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परिच्छेदिका अथवा अनुप्रस्थ काट (Profile or Cross-Section)
“समोच्च रेखा मानचित्र पर किसी दी गई पार्श्व रेखा के सहारे भू-तल की बाहरी रूपरेखा के निरूपण को परिच्छेदिका कहते हैं।” इसे अनुप्रस्थ काट अथवा पार्श्व चित्र भी कहते हैं। यदि धरातल पर स्थित किसी स्थलरूप को एक सरल रेखा के सहारे खड़े तल में ऊपर से नीचे तक काटकर उसके एक भाग को हटा दिया जाए तो बचे हुए भाग का ऊपरी किनारा या सीमा रेखा उस स्थल की परिच्छेदिका को प्रकट करता है। जिस सरल रेखा के सहारे स्थलरूप को काटा गया हो वह उस परिच्छेदिका की काट-रेखा (Line of Section) कहलाती है। इसे सरल रेखा के रूप में सीधा या तिरछा किसी भी दिशा में खींचा जा सकता है।
परिच्छेदिका खींचना
यदि एक समोच्च रेखा मानचित्र में AB, CD, EF तथा GH चार समोच्च रेखाएं दी हुई हैं। तथा AB रेखा के साथ इसकी परिच्छेदिका खींचनी है।
- सर्वप्रथम A तथा B बिंदुओं को मिलाते हुए एक सरल रेखा इस प्रकार खींचें कि वह समोच्च रेखाओं को C, D, E, F, G तथा H बिंदुओं पर काटे।
- मानचित्र के नीचे एक अन्य रेखा A B लें जिसकी लंबाई AB रेखा के बराबर हो। यह रेखा परिच्छेदिका की आधार रेखा होगी।
A तथा B बिंदुओं से नीचे की ओर AA’ तथा BB’ दो लंब खिचें।
- इन लंबवत रेखाओं के सहारे आधार रेखा से ऊपर की ओर समान दूरी पर किसी मापनी के अनुसार 200, 300, 400, 500 व 600 मीटर की ऊंचाई दिखाने वाली रेखाएं खिचें जो A B के समानांतर हों। ये रेखाएं ऊर्ध्वाधर अंतराल V.I. को प्रकट करती हैं।
- अब A,B,C D, E, F तथा G व H से AA’ व BB’, CC’ व DD’, EE’ व FF’ तथा
GG’ व HH क्रमशः 200, 300, 400 तथा 500 मीटर वाली रेखाओं पर लंब
खिचें। - A’, C’, E’, G’, तथा H’, F’, D’ B’ को मिलाने वाली वक्र रेखा परिच्छेदिका का
निर्माण करती है।
परिच्छेदिका खींचते समय क्षैतिज मापक (Horizontal Scale) की तुलना में ऊर्ध्वाधर मापक (Vertical Scale) का 5 से 10 गुना तक परिवर्धन कर लिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि परिच्छेदिका द्वारा ढाल और भू-आकृति की रूपरेखा स्पष्ट और प्रभावशाली ढंग से उभरकर सामने आए।