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भारत में प्रकाशित विभिन्न स्थलाकृतिक मानचित्र

1. अन्तर्राष्ट्रीय श्रृंखला के मानचित्र (International Series) अन्तर्राष्ट्रीय श्रृंखला के मानचित्र 1:1,000,000 मापक पर बनाए गए हैं। इन मानचित्रों को 1/IM या one-to-one million sheets भी कहा जाता है। इनमें ऊँचाई मीटरों में दर्शायी जाती है। यह श्रृंखला अन्तर्राष्ट्रीय समझौते के अन्तर्गत बनाई गई है। 60° उत्तरी व 60° दक्षिणी अक्षांशों के बीच स्थित क्षेत्रों के प्रत्येक मानचित्र का विस्तार 4° अक्षांश तथा 6° देशान्तर होता है। इस श्रृंखला में पूरे विश्व के 2,222 मानचित्र बनने हैं।

2. भारत एवं निकटवर्ती देशों की श्रृंखला के मानचित्र (India and Adjacent Countries Series) भारत एवं निकटवर्ती देशों की श्रृंखला के अन्तर्गत भारतीय उपमहाद्वीप के अतिरिक्त ईरान, अफगानिस्तान, म्याँमार, तिब्बत व चीन के कुछ भाग के मानचित्र शामिल हैं। इसमें प्रत्येक मानचित्र का विस्तार 4° अक्षांश तथा 4° देशान्तर है। इनकी संख्या 1 से 106 तक है। भारतीय क्षेत्र के मानचित्रों की संख्या 38 है जो क्रम संख्या 40 से 92 के बीच पाए जाते हैं। इन संख्याओं को सूचक संख्याएँ (Index Number) कहा जाता है। यद्यपि वर्तमान में इस श्रृंखला का प्रकाशन बन्द हो चुका है, इसके बावजूद यह श्रृंखला भारत में बनने वाली अन्य सभी श्रृंखलाओं के मानचित्र का आधार है। इन मानचित्रों का मापक भी 1:1,000,000 है। इस शृंखला के प्रत्येक मानचित्र को 4 डिग्री शीट (4°x4° शीट) या एक मिलियन शीट कहते हैं।

3. चौथाई इंच प्रति मील श्रृंखला के मानचित्र (Quarter Inch or Degree Sheets) जब किसी 4°x 4° शीट अर्थात् एक मिलियन शीट (जैसे 55 या 57 या 73 जो भारत व निकटवर्ती देशों की श्रृंखला में आती है) को 16 बराबर स्थलाकृतिक मानचित्रों में बाँटेंगे तो प्रत्येक मानचित्र 1° अक्षांश x 1° देशान्तर के बीच बिस्तरित क्षेत्र को दिखाएगा। अतः ऐसी प्रत्येक शीट को डिग्री शीट या चौथाई इंच शीट कहा जाता है। इन डिग्री शीटों का अंकन करने के लिए अंग्रेजी A के P से 16 है। तक अक्षरों का प्रयोग किया जाता है; जैसे 55A, 55B, 55C तथा 55D आदि ।

इनका मापक 14 इंच : 1 मील अथवा 1 इंच : 4 मील अर्थात् 1:253,440 होता है। इन मानचित्रों में समोच्च रेखाओं का अन्तराल 250 फुट होता है।इन मानचित्रों का नवीन संस्करण मीट्रिक प्रणाली में छापा गया है जिनका मापक 1:250,000 तथा समोच्च रेखाओं का अन्तराल 100 मीटर होता है।

4. आधा इंच प्रति मील श्रृंखला के मानचित्र (Half Inch or Half Degree Sheets) जब किसी चौथाई इंच शीट या डिग्री शीट को चार बराबर भागों में बाँटेगें तो इनमें से प्रत्येक आधा डिग्री शीट होगी अर्थात् अक्षांशीय और देशान्तरीय विस्तार आधा डिग्री या 30' होगा। इन चार भागों में प्रत्येक को उसकी दिशा ‘kए अनुसार अंकित किया जाता है; जैसे 55PNW, 55PNE इत्यादि।

इसका मापक 1/2 : 1 मील या 1″ : 2 मील अर्थात् 1:126,720 होता है। (63,360 x 2 = 126,720)। इन पत्रकों में समोच्च रेखाओं का अन्तराल 100 फुट होता है। मैट्रिक प्रणाली के अन्तर्गत इन मानचित्रों का मापक 1 : 100,000 रखा गया है। इन मानचित्रों का प्रकाशन अब बन्द हो गया है।

5. एक इंच प्रति मील शृंखला के मानचित्र (One Inch or Quarter Degree Sheets) जब किसी चौथाई इंच या डिग्री शीट (जैसे 55P) को 16 बराबर भागों में बाँटते हैं तो प्रत्येक मानचित्र का अक्षांशीय और देशान्तरीय विस्तार 15′ होगा। इन 16 मानचित्रों को 1 से 16 तक संख्याओं द्वारा 30 अंकित किया जाता है; जैसे 55 P/1, 55 P/2, 55 P/3 …… 55 P/16 इत्यादि।
इन मानचित्रों का मापक 1 इंच : 1 मील अथवा 1: 63,360 तथा समोच्च रेखाओं का अन्तराल 50 फुट होता है। मैट्रिक प्रणाली में बने इस श्रृंखला के नए मानचित्रों का मापक 1:50,000 तथा समोच्च रेखाओं का अन्तराल 20 मीटर होता है।

6. 1 : 25,000 मापक की श्रृंखला के मानचित्र (1:25000 scale Series) स्थलाकृतिक मानचित्रों की यह एक नई श्रृंखला है जिसमें एक इंच या चौथाई डिग्री शीट या 1 : 50,000 मापक वाली शीट (जैसे 55 P/7) को छः बराबर भागों में बाँटा जाता है।

इसका प्रत्येक भाग 5′ अक्षांशीय तथा 7′ देशान्तीय विस्तार वाला होता है। इन 6 मानचित्रों पर क्रमशः 1, 2, 3, 4, 5 व 6 इस प्रकार लिखा जाता है – 55 P/7/1, 55 P/7/2, 55 P/7/6 इत्यादि। इन मानचित्रों को 1:25,000 मानचित्र भी कहा जाता है।

भारत में प्रकाशित विभिन्न स्थलाकृतिक मानचित्र