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आंकड़ों के प्रकार

किसी भी परिक्षण में सांख्यकीय विधियों के प्रयोग हेतु आंकड़े संग्रह किए जाते हैं। सांख्यकीय आंकड़ों के आभाव में सांख्यकीय विश्लेषण नहीं किया जा सकता है।

अध्ययन या अनुसंधान में अनेक स्रोतो से आंकड़ें एकत्र किए जाते हैं। आधारभूत आंकड़ें विभिन्न दस्तावेजों (डॉक्युमेंट्स) अथवा प्राथमिक सर्वेक्षण द्वारा प्राप्त किए जाते हैं। अन्य विषयों के विपरीत भौगोलिक अध्ययन में अनेक स्रोतो के साथ साथ क्षेत्रीय अवलोकन से भी आंकड़ें एकत्र किए जाते हैं।

सांख्यकीय विश्लेषण हेतु प्रयुक्त आकड़े दो प्रकार के होते हैं – प्राथमिक आंकड़े (प्राइमरी डाटा) और द्वितीय आंकड़े (सेकेंडरी डाटा)।

प्राइमरी डाटा या प्राथमिक आंकड़े पहली बार अन्वेषकों अथवा गणनाकारों द्वारा संग्रह किए जाते हैं। प्रत्यक्ष रूप से पर्यवेक्षण द्वारा एकत्रित आंकड़े जो अपने मौलिक रूप में होते हैं जैसे जनसंख्या, उत्पादन की मात्रा, आदि। क्षेत्र अन्वेषण द्वारा अधिकांशतः प्राथमिक आंकड़े एकत्र किए जाते हैं।

सेकेंडरी डाटा या द्वितीय आंकड़े दूसरों द्वारा संग्रहित होते हैं और सामान्यतः पत्र पत्रिकाओं और अनुसन्धान प्रकाशनों में उपलब्ध होते हैं। प्राथमिक आंकड़े से गणना द्वारा द्वितीयक आंकड़े प्राप्त किए जाते हैं।

आंकड़ों के संग्रह की विधियाँ :

सांख्यकीय विश्लेषण हेतु प्रयुक्त वांच्छित आंकड़ों के संग्रह की दो विधियाँ हैं – सेंसस या गणना विधि, और सैंपल या प्रतिदर्श विधि।

सेंसस या गणना विधि – सांख्यकीय विश्लेषण हेतु प्रयुक्त वांच्छित आंकड़ों के संग्रह की विधि जिसमें सभी सम्बद्ध इकाइयों अथवा वस्तुओं की गणना की जाती है, सेंसस या गणना विधि कही जाती है।

सेंसस या गणना विधि की विशेषता – प्राथमिक विधि (सेंसस या गणना विधि) द्वारा आंकड़ा संग्रह करने में अधिक समय और श्रम की आवश्यकता होती है। सेंसस या गणना विधि द्वारा आंकड़ा संग्रह करने में विस्तृत प्रबंधन की आवश्यकता होती है। सेंसस या गणना विधि द्वारा एकत्र आंकड़े का उपयोग बृहत् संस्थानों द्वारा किया जाता है।

सैंपल या प्रतिदर्श विधि – सांख्यकीय विश्लेषण हेतु प्रयुक्त वांच्छित आंकड़ों के संग्रह की विधि जिसमें कुल जनसंख्या या समष्टि की कुछ चुनी हुई प्रतिनिधि इकाईयों या सैंपल का ही निरिक्षण किया जाता है, सैंपल या प्रतिदर्श विधि कही जाती है।

सैंपल या प्रतिदर्श विधि की विशेषता – सैंपल या प्रतिदर्श विधि द्वारा आंकड़ा संग्रह करने में कम समय और कम श्रम की आवश्यकता होती है। सैंपल या प्रतिदर्श विधि द्वारा आंकड़ा संग्रह करने में कम प्रबंधन की आवश्यकता होती है। सैंपल या प्रतिदर्श विधि द्वारा एकत्र आंकड़े का उपयोग एकाकी शोध के लिए किया जाता है।

अध्ययन या अनुसन्धान में प्रयुक्त सूचना (आंकड़े) के संग्रह करने में

प्रयुक्त सावधानियाँ – अनुसन्धान में प्रयुक्त सूचना (आंकड़े) उचित विधि द्वारा संग्रह किए जाते हैं। अनुसन्धान में प्रयुक्त सूचना (आंकड़े) विश्वस्त स्रोतों से एकत्र किए जाते हैं।

- e.knowledge_shahi

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